बात उन दिनों की है (1992 की :) )
अब बेचारा मनु वो कलेजा कहाँ से लेकर आता तो
पूरी कॉलेज लाइफ बस लड़कियों से दोस्ती करने की कोशिश ही करता रह गया
पर कभी किसी लड़की तो अपनी यामाहा की पिछली सीट पर नहीं बिठा पाया :)
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जब मनु नया-नया कॉलेज में आया था
कॉलेज में वो देखता की यार
कॉलेज में लडकियां बस तीन तरह के लड़कों से इम्रेस होती हैं
गिटार सिंगर्स
स्कॉलर्स
टॉल , फेयर , हैंडसम
अब मनु के लिए बुरी बात ये थी की
वो बेचारा इन तीनों में से किसी भी श्रेणी में नहीं आता था
पर एक और बात उसने गौर की कि
कॉलेज पार्किंग में सबसे ज्यादा जो बाइक होती है
वो होती है यामाहा RX 100 ,ब्लैक मोटरसाइकिल
उसे अक्सर इस मोटरसाइकिल की बैक सीट पर हँसती-मुस्कुराती ख़ूबसूरत लडकियां बैठी दिखती
तो कहीं ना कहीं मनु को ये लगने लगा की
लड़कियों से दोस्ती करने का लाइसेंस है -
" यामाहा RX 100 ,ब्लैक कलर मोटरसाइकिल "
अब परेशानी ये थी उसके पास पहले से ही एक पुरानी हीरो होंडा मोटरसाइकिल थी
तो अब मनु पापा से कैसे कहे की उसे नई मोटरसाइकिल लेनी है
तो उसकी तिकड़म ये लगी की
पहले 4 -5 दिन जानबूझ कर पापा के सामने ये नाटक चलाया गया की
"आज मोटरसाइकिल रास्ते में खराब हो गयी थी, बोहोत पैसे लग गए "
"माइलेज भी कम दे रही है
इन्फेक्ट पेट्रोल तो जैसे पी रही है :)
जब ये भूमिका बन गयी , जम गयी
तो फिर
पापा के दरबार में अर्ज़ी लगाईं गयी
नई मोटरसाइकिल लेने की
पापा मान गए
यामाहा शोरूम करीब ही था
तो पहुंच गए एक दिन मनु और पापा मोटरसाइकिल खरीदने
जो सेल्समेन मिला ,
वो सेल्समेन साला था एक नंबर का बड़ा खड़ूस ,
सेल्समेन पापा से बोला-
" बाउजी ,
ये यामाहा RX 100 ,ब्लैक कलर मोटरसाइकिल
19500 रूपये की है
बहुत मंहगी है ये बाउजी
कंपनी लूट रही है इसमें "
"आप बच्चे के लिए ये एस्कॉर्ट्स RX 350 लो ना
केवल 11000 रूपये की है "
"350 सीसी बाउजी 350 सीसी "
" कहाँ 100 सीसी , कहाँ 350 सीसी "
और फिर भी देखो कितनी सस्ती है "
अब पता नहीं उस साले का कोई सेल्स टारगेट था या क्या पर
उसका तो पूरा ज़ोर था एस्कॉर्ट्स RX 350 बेचने में
पापा को भी सेल्समेन का ये लॉजिक बहुत अच्छा लगा
पापा बोले -
"मनु देख
"इतनी सस्ती मोटरसाइकिल है एस्कॉर्ट्स RX 350
और तो और पावर में साढ़े तीन गुना ज्यादा है
तू यही ले ले "
मनु को तो जैसे दिन में तारे दिखने लगे थे
उन दिनों काली एस्कॉर्ट्स RX 350 पे दूधवाले भैया लोग घरों में दूध बांटने आते थे
(वैसे आज भी आते हैं :) )
मनु ख्वाब में देखने लगा की
वो कुरता-पाजामा पहने
सर पे पगड़ी लगाए
पैर में सफ़ेद-नीली हवाई चप्पल पहने
काली एस्कॉर्ट्स RX 350 पर सवार अपने कॉलेज में दूध बाँट रहा है :)
और कॉलेज की सारी लडकियां मनु पर हॅंस रही हैं
मनु ने झटके से वो बुरा ख्वाब तोड़ा
मनु तो गुस्से में शोरूम से बाहर निकल कर भागा
पापा पीछे-पीछे भागे थे
घर में कई दिन एक संग्राम सा चला
खाना छोड़ा गया
मतलब भूख हड़ताल हुयी
पापा से बातचीत बंद की गयी
तब जाके आखिरकार पापा पिघल गए
उन्होंने रूपये 20000 मनु के हाथ पे रखते हुए बोला
" जा साले, कर जो करना है ,
बाप का पैसा है
खूब उड़ा " :)
( सच में बहुत क्यूट थे यार पापा )
मनु तो जैसे बस इसी इंतज़ार में था
वो तो बस ये गया और वो गया
और वो ले आया अपने लिए
" यामाहा RX 100 ,ब्लैक कलर मोटरसाइकिल
लड़कियों से दोस्ती करने का लाइसेंस "
अगले दिन तो जैसे वो मोटरसाइकिल ड्राइव करके नहीं
बल्कि उड़ा के कॉलेज गया था
एक दिन , दो दिन, एक हफ्ता ,
एक महीना निकल गया था
पर मनु की लाख कोशिशों के बावजूद
अब तक कोई भी लड़की मनु की मोटरसाइकिल की पिछली सीट पे नहीं बैठी थी
गुमसुम मनु को बस "दामिनी" मूवी का वो डायलॉग याद आ रहा था
हीरो सनी देओल , विलियन अमरीशपुरी से बोलता है -
" अपने चमचे को बोल के ये चाक़ू जेब में रख ले
ऐसे चाक़ू बाज़ार में बहुत मिलते है
पर इस चाक़ू को चलाने के लिए जो कलेजा चाहिए ,
वो बाज़ार में नहीं मिलता
मर्द उसे माँ के कोख से लेकर पैदा होता है " :)
अब बेचारा मनु वो कलेजा कहाँ से लेकर आता तो
पूरी कॉलेज लाइफ बस लड़कियों से दोस्ती करने की कोशिश ही करता रह गया
पर कभी किसी लड़की तो अपनी यामाहा की पिछली सीट पर नहीं बिठा पाया :)
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