"कैसी लड़की है ये
खुलेआम लड़के को हग करती है
किस करती है
जब इसका बॉयफ्रेंड है तो
फिर मुझे हिंट क्यों देती है
खुद मेरा हाथ क्यों पकड़ती है
भाई ये लड़की तो चालू है
बिलकुल चुड़ैल "
इससे तो दूर ही रहना भला
और अगले कुछ दिन अरुण ने ठीक यही किया
वो जानबूझ कर कॉलेज के बैक डोर से ही अंदर जाता
क्योकि सामने के मेन डोर पे तो चुड़ैल और उसका गैंग होते थे
उसने अब कुछ नए दोस्त भी बना लिए थे
अब तो वो बस उन्ही के साथ रहता
पर वो चुड़ैल भी कहाँ उसका पीछा छोड़ने वाली थी
एक दिन वो "इंग्लिश " की क्लास में था
मिस अनामिका रोमियो जूलिएट पढ़ा रही थी
की वो चुड़ैल वहां आ धमकी
दरवाज़े पे नॉक करते हुए बोली थी
"मैम ये अरुण के घर से कोई इससे मिलने आया है "
उसने अरुण की ओर उंगली से इशारा करते हुए कहा था
अरुण हतप्रत था
"क्या लड़की है ये यार
बिलकुल चेप है ये तो "
उसने मन ही मन में सोचा
लेकिन जब मैम ने भी हाँ का इशारा कर दिया तो
अरुण के पास कोई चोइस ना रही
अरुण भारी क़दमों से बाहर आ गया
वो अरुण को बाँह से पकड़ के सीढ़ियों की और ले आयी थी
"हे फ़्रेशी ठीक तो हो ?
इतने दिन कॉलेज नहीं आये थे क्या ?
कोई दिक्कत हो तो बोलो
हर समस्या का रामबाण इलाज़ है नीना के पास "
"चल आजा,
आज पिकनिक का प्रोग्राम बना है "
आज पिकनिक का प्रोग्राम बना है "
और उसने बिना अरुण की हाँ-ना सुने
अरुण की बाँह में अपनी बाँह फँसाई
और लगभग खींचते हुए नीचे ले गयी
वहां एक गाड़ी पहले से ही स्टार्ट खड़ी थी
उसमे उस चड़ैल का गैंग पहले से ही बैठा था
जो उसके इंतज़ार में बार-बार कार का हॉर्न बजा रहा था
उसने अरुण को पीछे की सीट पे लगभग धकेला
जहाँ पहले ही उसके तीन चेले
सैम,आदि और शिखा बैठे थे
वो सब एक दूसरे पे गिरे,जगह बनी
और चौथा अरुण भी उनके साथ फिट हो गया
आगे वाली सीट पे भी रवीना और संजू भी लगभग एक के ऊपर एक ही बैठे थे
वो खुद तेज़ी से ड्राइविंग सीट पे बैठी और
गाड़ी फुल स्पीड में कॉलेज गेट से बाहर निकल आयी
अरुण बौखलाया सा सबके चेहरे देख रहा था
गाड़ी में तेज़ अंग्रेज़ी म्यूजिक बज रहा था
और वो सब भी तेज़ बेसुरी आवाज़ों में गा रहे थे
एकाएक भरे बाज़ार में उनकी गाड़ी झटके से रुकी
पीछे से आदि गाड़ी से उतरा
इधर नीना उतरकर भागती हुयी सामने एक दुकान में घुसी
अरुण ने पढ़ा -
"अंग्रेज़ी शराब की दूकान "
"अबे सालों मैं अकेली पूरा क्रैट कैसे उठाउंगी ,
हेल्प तो करो "
नीना ने वहीँ दूर से ही ,
दूकान के काउंटर पे खड़े-खड़े ही चिल्लाते हुए कहा था
नीना के दोनों हाथों में बियर का पूरा क्रैट था
अरुण ने देखा आसपास खड़े कई लोग नीना को अजीब सी अश्लील नज़रों से देख रहे थे
"ये तो होगा ही
ये है ही ऐसी ,
कपडे भी तो ऐसे ही पहनती है "- अरुण ने मन में सोचा
इतने में आगे से संजू भाग के पहुंचा और
नीना और संजू ने मिलकर वो बियर क्रैट डिक्की में रखा
तबतक आदि भी जाने क्या-क्या ,चिप्स , पेटिस,नमकीन और कुछ-कुछ सामान लेकर आ गया था
गाड़ी फिर तेज़ी से स्टार्ट हुयी और अब शहर से बाहर निकल कर
हाईवे पे आ गयी थी
अरुण ने बोर्ड देखा
"सोहना 40 किलोमीटर "
"ये चुड़ैल तो पूरी चालू है "
अरुण ने मन ही मन सोचा
और आँखे बंद करके सीट पे पीछे सर टिका के आँखे बंद कर ली
सब तेज़ आवाज़ में बेसुरे तरीके से चीख-चीख के गा रहे थे
और गाड़ी तेज़ी से हाईवे पे भागी जा रही थी।
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