Thursday, June 11, 2020

जीवन,कोविड के बाद (लेख)

दोस्तों मुझे लगता है
आज की कड़वी सच्चाई ये है की 
इस कोविड महामारी के की वजह से 
हमारे जीवन और समाज पर बहुत ही दूरगामी प्रभाव पड़ने वाले है
कुछ प्रभाव तो आज दिखाई भी दे रहे है 
पर कुछ प्रभाव आने वाले एक साल में 
और कुछ अगले बीस सालों तक दिखाई देते रहेंगे  
सरकार ने भी शायद इसीलिए 
हमें आत्मनिर्भर बनने को कह दिया है

मैं समझता हूँ की हम सब जो यहां हैं 
कम से कम अपने दैनिक खाने-पीने की व्यवस्था करने लायक तो सक्षम हैं 
पर हमारे देश की एक बहुत बड़ी आबादी इतनी भी खुशकिस्मत नहीं है
चाहे-अनचाहे ,जाने-अनजाने या किसी मजबूरीवश 
हम सभी ने अपने किसी नौकर,ड्राइवर या अन्य कर्मचारियों को या तो काम से हटा दिया है 
या उसकी सैलरी कम कर दी है
इससे हुआ ये है की समाज का आर्थिक संतुलन जो पहले ही खराब था,
अब और बहुत ही खराब हो जाएगा
इससे समाज में छीना-झपटी,चोरी-डकैती ,फ्रॉड,अपहरण,वैश्यावृति,बच्चों का शारीरिक शोषण 
बहुत तजी से बढ़ेगा 
कुछ तो अपराधी तत्व या गैंग इस समय में विवश लोगों को अपने साथ मिलाने को प्रलोभन देंगे 
और कुछ लोग मजबूरीवश स्वयं भी पेट की आग के वशीभूत 
इन अपराधों में लिप्त होने पे मजबूर हो जायेंगें 
ये एक बहुत ही गंभीर स्तिथि है
इस स्तिथि को सरकार को देखना था पर शायद साधनों की कमी से वो ऐसा नहीं कर पाई है
  
मुझे लगता है की हमें अपने लिए तुरंत प्रभाव से कुछ फैसले लेने चाहिए 

-यथाशक्ति जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके गरीब लोगों की सहायता करनी चाहिए

-हमें अपने घर,ऑफिस,फैक्ट्री,गोदाम,कार,लाकर,ऑनलाइन बैंक अकाउंट के ताले/कोड तुरंत बदलने चाहिए
और उसकी पहुंच कम से कम लोगों तक हो
सिक्योरिटी कैमरा होने चाहिए   

-अपने फॅमिली हेल्थ इन्शुरन्स को कम से कम बीस लाख साल सालाना का करने की कोशिश करें
( कोविड का हॉस्पिटल बिल आज करीब 12 लाख रूपये आता है )

-घर में कमाने वाला हर सदस्य अपना कम से कम एक करोड़ रूपये या और भी ज्यादा का लाइफ इन्शुरन्स भी लेने की कोशिश करे
और घर के बाकी सदस्य कमाने वाले सदस्यों को मानसिक शक्ति-शांति  देते रहें
(कृपया ध्यान दें की उस व्यक्ति पर आज कई तरीके के अतिरिक्त दबाव भी हैं )

-हम घर से बाहर निकलते समय कोई भी कीमती ज्वेलरी ना पहने और ना ही कैश साथ लेकर चले
और ना ही ज्वेलरी और कैश घर में रखें
रखना ही है तो बैंक लॉकर में रखें 
ठन्डे दिमाग से सोचे और इस ज्वेलरी पहनने की झूठी शान से ही बचें

अगर हम समर्थ है तो हम आर्टिफिशल भी पहनेंगे तो लोगों को असली लगेगा
और अगर हम इतने सामर्थ्यवान नहीं है तो चाहे कितना भी सोना -हीरा पहन लेना,
लोगों को नकली ही लगेगा 
तो दोनों ही केस में हमको असली सोना-हीरा पहने का कोई औचित्य ही नहीं है 

ये सोना-हीरा और कैश केवल बस हमारी जान को जोखिम में डालेगा

हम हिम्मत करें,
और अपनी सारी ज्वेलरी को बेच दें
और सारे पैसे को अपने ऊपर चल रहे 
-पुराने लोन(होम,कार,बिज़नेस,पर्सनल,क्रेडिट कार्ड इत्यादि ) को चुकाने में
-बैंक फिक्स्ड डिपाजिट कराने में 
-प्रॉपर्टी खरीदने में लगा देना चाहिए 

(आज वही व्यक्ति सबसे ज्यादा दुखी है,
जिस पर किसी भी प्रकार के लोन,ब्याज और किराया देने का भार है

और वो व्यक्ति सबसे ज्यादा सुखी है
जिसे किराया,ब्याज ,डिविडेंड आदि ऐसी ही किसी भी तरह की आमदनी आती है )

-हमें शोशेबाज़ी के हर खर्चे से बचना चाहिए  ,
या कम से कम लोन लेकर ये खर्चे करने से तो हर हालत में बचना चाहिए 


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